मेरी तो इज्ज़त ही खुदावंद है मेरे तो izzat hi Khudawand hai
मेरी तो इज्ज़त ही खुदावंद है ~है~ – 2
मेरी तो ताकत ही खुदावंद है ~है~
हां मेरी इज्ज़त ही खुदावंद है ~है~
मेरा अपना तो कुछ भी नहीं ~हां~
मेरा अपना तो कुछ भी नहीं
मेरी तो रग रग में नाम उसका लिखा है
इज्ज़त ही खुदावंद है ~है~
मेरी तो दौलत ही खुदावंद है ~है~
(1)
तेरे कहने से चलता हूं मैं,
तेरे कहने से रुकता हुं मैं,
तेरे कलाम में रहकर ही अब,
हर एक काम को करता हूं मैं,
तेरे कहने से चलता हूं मैं,
मुझे खौफ किसी का नहीं हां~~
मुझे खौफ किसी का नहीं
मैंने जबसे तेरे रस्तों को चुना है
इज्ज़त ही खुदावंद है ~हो~
मेरी तो दौलत ही खुदावंद है ~है~
(2)
हर इक दुआ को उसने सुना है उसने सुना है,
आरजू पुरी वो करता है हां करता है,
हर इक दुआ को उसने सुना है,
मुझे उसकी रज्जा मंजूर~~
मुझे उसकी रज्जा मंजूर,
क्या बेहतर मेरे लिए उसको पता है
इज्ज़त ही खुदावंद है ~है~
मेरी तो दौलत ही खुदावंद है ~है~
हां सारी इज्जत ही खुदावंद है ~है~
मेरा अपना तो कुछ भी नहीं कुछ भी नहीं
हां मेरा अपना तो कुछ भी नहीं
मेरी तो रग रग में नाम उसका लिखा है
इज्ज़त ही है ~है~
खुदावंद ~है~
हां येशु ~है~
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